Somnath Temple: हर सृष्टि काल में धरती पर मौजूद रहा है सोमनाथ मंदिर
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Somnath Temple: हर सृष्टि काल में धरती पर मौजूद रहा है सोमनाथ मंदिर
सोमनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसे पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना गया है और यहां तक कहा जाता है की ये हर सृष्टि काल में धरती पर मौजूद रहा है।
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Somnath Temple: हर सृष्टि काल में धरती पर मौजूद रहा है सोमनाथ मंदिर
यह गुजरात के वेरावल बंदरगाह से कुछ ही दूरी पर प्रभास पाटन में स्थित प्रसिद्ध मंदिर है। जो भगवान शिव को समर्पित है।
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Somnath Temple: हर सृष्टि काल में धरती पर मौजूद रहा है सोमनाथ मंदिर
इस ज्योतिर्लिंग के बारे में यह मान्यता है कि इस मंदिर के शिवलिंग की स्थापना स्वयं चंद्रदेव ने की थी और इसी कारण इसका नाम सोमनाथ पड़ा। किंवदंती है कि सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने वाले भक्तों के सारे कष्ट पल भर में नष्ट हो जाते हैं।
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Somnath Temple: हर सृष्टि काल में धरती पर मौजूद रहा है सोमनाथ मंदिर
सोमनाथ की पूजा करने वाले भक्तों के जन्म-जन्मांतर के पापों का क्षय हो जाता है।
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Somnath Temple: हर सृष्टि काल में धरती पर मौजूद रहा है सोमनाथ मंदिर
सोमनाथ मंदिर की ऊंचाई तकरीबन 155 फीट है और इसके शिखर पर एक कलश स्थापित है जिसका वजन करीबन 10 टन बताया जाता है।
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Somnath Temple: हर सृष्टि काल में धरती पर मौजूद रहा है सोमनाथ मंदिर
इस पर सजी ध्वजा 27 फीट ऊंची है। सोमनाथ मंदिर के चारों तरफ विशाल आंगन है। मंदिर के प्रवेश द्वार की कारीगरी की अगर बात करें तो ये काफी कलात्मक है।
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Somnath Temple: हर सृष्टि काल में धरती पर मौजूद रहा है सोमनाथ मंदिर
मंदिर तीन हिस्सों में बंटा हुआ है नाट्य मंडप, जगमोहन और गर्भ गृह। मंदिर के बाहर वल्लभभाई पटेल और रानी अहिल्याबाई समेत कईयों की सुंदर मूर्तियां भी लगी हुई हैं।